त्रिफला चूर्ण
 🌿🍈🌿🍈🌿🍈🌿🍈🌿🍈  ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ     *त्रिफला चूर्ण*   🌿आँवला, बहेड़ा व हरड़ का चूर्ण समान मात्रा में मिलाकर त्रिफला तैयार कीजिए। यह चूर्ण आवश्यकतानुसार 1 से 8 ग्राम तक खाया जा सकता है।   सावधानीः रास्ता चलकर थके हुए, बलहीन, कृश, उपवास से दुर्बल बने हुए को तथा गर्भवती स्त्री एवं नये बुखारवाले को त्रिफला नहीं लेना चाहिए।   🌿औषधि-प्रयोगः   🌼नेत्र-रोगः आँखों के सभी रोगों के लिए त्रिफला एक अकसीर औषध है। इस त्रिफला चूर्ण को घी तथा मिश्री के साथ मिलाकर कुछ माह तक खाने से नेत्ररोग दूर होते हैं। नेत्रों की सूजन, दर्द, लालिमा, जलन, कील, ज्योति मांद्य आदि रोगों में सुबह-शाम नियमित रूप से त्रिफला चूर्ण अथवा त्रिफला घृत लेने से और त्रिफला जल से नेत्र प्रक्षालन करने से नेत्र-सम्बन्धी समस्त विकार मिटते हैं व नेत्रों की ज्योति तथा नेत्रों का तेज बढ़ता है।   🌹त्रिफला जल बनाने की विधिः मिट्टी के कोरे बर्तन या काँच के बर्तन में 2 ग्राम त्रिफला चूर्ण 200 ग्राम जल में भिगोकर रखें। 4-6 घंटे बाद उस जल को ऊपर से निथारकर बारीक स्वच्छ कपड़े से छान लें। फिर उस जल से नेत्रों को नित्य धोयें या उसमें ...