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Showing posts from April 17, 2019

लो ब्लड प्रेशर के कारण

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श्री योग संजीवनी... *🌹लो ब्लड प्रेशर के कारण * ◻️◻️◻️◻️◻️◻️◻️◻️◻️ *1) इस रोग के मुख्य कारणों में दुर्बलता, अधिक उपवास, पौष्टिक भोज्य पदार्थों तथा जल की कमी है |* *2) शारीरिक व मानसिक परिश्रम की अधिकता, यक्ष्मा, मानसिक आघात, शरीर से अधिक रक्त बह जाना आदि हैं।* *3) लो ब्लड प्रेशर विटामिन बी तथा सी की कमी के कारण भी हो जाता है।* *4) गुर्दे तथा आंते पूरी तरह सक्षम न रहने से भी यह रोग सिर उठाने लगता है।* *5) यह जीवन से रूखापन तथा परिवारिक संबंधों में आत्मीयता की कमी हो जाने से भी हो जाता है।* *6) जो जीवन में निराश रहने लगे, अपने लक्ष्य में बार-बार असफल होता रहे, उसे भी निम्न रक्तचाप की तकलीफ हो सकती है।* *🌹लो ब्लड प्रेशर(लो बीपी) के लक्षण :* *1) इस रोग में रोगी की नब्ज धीमी और छोटी हो जाती है।* *2) रोगी थोड़ा सा परिश्रम करने से ही थक जाता है और उसे गश (चक्कर) आ जाता है।* *3) रोगी का श्वास फूलने लगता है|* *4) रक्त भार मापक यन्त्र द्वारा देखने पर रक्त चाप 110 से 30 तक हो जाता है। उचित चिकित्सा से जीवन आराम से कट जाता है,* *5) रोग पुराना होने पर सदैव सिरदर्द ब...

गाय का घी पृथ्वी का अमृत

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श्री योग संजीवनी... *🌹स्वास्थ्य व पर्यावरण सुरक्षा का अमोग उपाय – गाय का घी🌹* 🌻🍀देशी गाय का घी शारीरिक, मानसिक व बौद्धिक विकास एवं रोग-निवारण के साथ पर्यावरण-शुद्धि का एक महत्त्वपूर्ण साधन है |  *👉🏻इसके सेवन से* – १) बल, वीर्य व आयुष्य बढ़ता है, पित्त शांत होता है | २) स्त्री एवं पुरुष संबंधी अनेक समस्याएँ भी दूर हो जाती है | ३) अम्लपित्त (एसिडिटी) व कब्जियत मिटती है | ४) एक गिलास दूध में एक चम्मच गोघृत और मिश्री मिलाकर पीने से शारीरिक, मानसिक व   दिमागी कमजोरी दूर होती है | ५) युवावस्था दीर्घकाल तक रहती है | काली गाय के घी से वृद्ध व्यक्ति भी युवा समान हो जाता   है | ६) गर्भवती माँ घी – सेवन करे तो गर्भस्थ शिशु बलवान, पुष्ट और बुद्धिमान बनता है | ७) गाय के घी का सेवन ह्रदय को मजबूत बनता है | यह कोलेस्ट्रोल को नहीं बढाता | दही को   मथनी से मथकर बनाये गये मक्खन से बना घी ह्रदयरोगों में भी लाभदायी है | ८) देशी गाय के घी में कैंसर से लड़ने व उसकी रोकथाम की आश्चर्यजनक क्षमता है |  *👉🏻ध्यान दें:* घी के अति सेवन से अजीर्ण ...

सर्दी-जुकाम-खाँसी के उपाय

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श्री योग संजीवनी... *🌹सर्दी-जुकाम-खाँसी🌹* *🌹सर्दी-जुकामः🌹*  *🌻🍀पहला प्रयोगः*  गर्म दूध में 1 से 2 ग्राम पिसी सोंठ मिलाकर अथवा तुलसी के पत्ते का 2 से 10 मि.ली. रस एवं अदरक के 2 से 20 मि.ली. रस में एक चम्मच शहद मिलाकर दिन में दो तीन बार लेने से सर्दी में लाभ होता है।  *🌻🍀दूसरा प्रयोगः*  5 से 10 ग्राम पुराना गुड़ एवं 2 से 10 ग्राम अदरक मिलाकर खाने से अथवा आधी कटोरी दूध में 2  से 10 ग्राम काली मिर्च और 1 से  5 ग्राम हल्दी उबालकर देने से सर्दी में लाभ होता है।  *🌻🍀तीसरा प्रयोगः*  शरीर ठण्डा होने पर बिना छिलके के भूने चने का पाउडर एवं सोंठ का पाउडर सूखा-सूखा घिसने पर शरीर में गर्मीआती है।  *🌻🍀चौथा प्रयोगः*  नींबू का रस गर्म पानी में मिलाकर रात को सोते समय पीने से सर्दी मिटती है।  *🌻🍀पाँचवाँ प्रयोगः*  रात के समय नित्य सरसों का तेल या गाय के घी को गुनगुना गर्म करके नाक द्वारा एक- दो बूँद लेने से नजला-जुकाम नहीं होता है व मस्तिष्क स्वस्थ रहता है।  *🌻🍀छठा प्रयोगः*  बड़ के कोमल पत्तों को...

गर्मी में पानी कमतरता की पूर्ति कैसे करें

श्री योग संजीवनी... *🌹गर्मी में पानी कमतरता की वजह से पेशाब में जलन होने के उपचार और घरेलु आयुर्वेदिक उपाय* ▫▫▫▫▫▫▫▫▫▫ *🌻पानी : पेशाब में जलन हो रही है तो सर्वप्रथम अपने शरीर में पानी की मात्रा बढ़ाएं। अधिक से अधिक मात्रा में पानी, जूस या सूप पिए ताकि मुत्र का प्रवाह बढ़ता रहे, जिससे इंफेक्शन बढ़ने का खतरा कम होगा। दिन में कम से कम 3 लीटर पानी अवश्य पीना चाहिए।  यह समझ ले के आपने इतना पानी पीना चाहिए की आपकी पेशाब का रंग हमेशा सफ़ेद होना चाहिए। पेशाब का रंग पीला या लाल होने का मतलब आप पानी कम पी रहे हैं।* *🌻नारियल पानी  : अगर पेशाब का रंग पीला है तो समझिए कि आप पानी कम पी रहे हो। ढेर सारा पानी पीने से बेक्टेरिया नष्ट होंगे। आप चाहे तो नारियल का पानी भी पी सकते हैं। इससे पानी की जरूरत तो पूरी होगी साथ में शरीर को कई सारे  मिनरल्स भी प्राप्त होगें। नारियल पानी में गुड़ और धनिया मिलाकर भी आप पी सकते हैं। इससे पेट की गर्मी कम होती है।* *🌹विटामिन सी  : विटामिन सी युक्त सिट्रस फलों का या फलों के रसों का सेवन करें जैसे अनानास, नींबू, मोसंबी, संतरा आदि। इन फलों म...

बार बार मुंह सूखने की समस्‍या के लिये घरेलू उपचार

श्री योग संजीवनी... *🌹बार बार मुंह सूखने की समस्‍या के लिये घरेलू उपचार* *🌹1.पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से मुंह में सलाइवा (लार) बनी रहती है जो मुंह को सूखने से रोकती है। पानी के साथ साथ फलों के ताज़े रस पीने की सलाह भी दी जाती है।* *🌻2.सौंफ में फ्लावोनाइड्स होते हैं जो लार के उत्पादन में सहायक हैं। सौंफ के कुछ दाने लेकर उसे चबाएं; इससे मुंह भी नहीं सूखेगा और मुंह से बदबू भी नहीं आएगी।* *🌹3.एक गिलास पानी में नीबू के रस की कुछ बूँदें और थोडा सा शहद लेकर अच्छे से मिलाएं और इसे पूरे दिन पीते रहें। इससे मुंह में लार बनती रहेगी और मुंह नहीं सूखेगा।* *🌻4. प्रतिदिन एक छोटा कप एलोविरा जूस पीने से मुंह में लार बनी रहती है और इस प्रकार मुंह सूखने की समस्या नहीं होती।* *🌹5.अपने सलाद या सूप पर लाल मिर्च छिडकें। इससे लार का उत्पादन अधिक मात्रा में होता है और मुंह सूखता नहीं है।* *🌻6. जब भी आपको मुंह सूखा लगने लगे तब एक या दो इलायची के दाने चबाएं। इससे मुंह सूखेगा नहीं।* *🌹7.सलाइवा को उत्तेजित करने के लिए और मुंह को सूखने से बचाने के लिए अदरक एक उत्तम घरेलू उपचार है। जब भी...

नाखूनों फंगल इन्फेक्शन ठीक करने घरेलू उपाय

श्री योग संजीवनी... *🌹नाखूनों फंगल इन्फेक्शन ठीक करने घरेलू उपाय* *🌹नाखूनों में इंफेक्शन का  लक्षण* 👉🏻 नाखून मोटे होना। 👉🏻 नाखूनों का भंगुर होना, बिखरना या टुकड़े होना। 👉🏻  आकार में विकृत 👉🏻 नाखूनों की चमक खोना 👉🏻  पीला पन आना या काला दाग होना।  👉🏻  संक्रमित नाखून जड़ से भी अलग हो सकते हैं। *🌹आयुर्वेदिक उपचार* 🌻नींबू के ताज़ा रस  इंफेक्शन वाले नाखून पर लगाएं और कुछ देर बाद उसे गर्म पानी से धोकर साफ कर लें। 🌻लहसुन से नाखूनों का संक्रमण ठीक किया जा सकता है। इसमें एंटी फंगल गुण होते हैं जिससे दोबारा बैक्टीरिया नहीं पनपते हैं। कुछ लहसुन की कलियाँ लें इसे अच्छे से पेस्ट कर लें। फिर इसमें वाइट विनगर मिलाएं। अब इस मिश्रण में अपने नाखूनों को 10-20 मिनट के लिए भिगोएं। इसे रोज़ करने से संक्रमित नाखून ठीक होजाएंगे। 🌹हमेशा अपने हाथों और नाखूनों को गर्म पानी से धोए क्योंकि गर्म पानी से डेड स्किन निकल जाती है जिससे नाखूनों में संक्रमण नहीं होता है यही नहीं गर्म पानी से ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहता है। अब इसके लिए गर्म पानी में थोड़ा सा...

कहीं आप ब्लोकेज से परेशान तो नहीं

श्री योग संजीवनी... 🌹एक गिलास गुनगुने पानी में एक नींबू का रस तथा 25 तुलसी के पत्तों का रस मिलाकर सुबह खाली पेट पीने से ह्रदय की रक्तवहिनियों का अवरोध(ब्लोकेज)दूर हो जाता है। 🌹यह प्रयोग सप्ताह में 2-3 बार नियमित रुप से करें। 🌹इस प्रयोग से स्तन की गांठे,गर्भाशय की गांठे तथा अंडाशय गांठ में भी लाभ होता है।