बवासीर
बवासीर में क्या खाएं क्या ना खाएं.
मल द्वार की शिराओं के फूलने से मटर के दाने जैसे मांस के अंकुर निकलना आयुर्वेद में अर्श और आम भाषा में बवासीर के नाम से जाना जाता है. यह रोग बादी और खूनी बवासीर के नाम से दो प्रकार का होता है. बादी बवासीर में गुदा में पीड़ा, खुजली और सूजन होती है. जबकि खूनी बवासीर में मस्सों से मल के टकराने से रक्तस्त्राव होता है.
बवासीर अत्यंत कष्टदायी रोग है, इस रोग के इलाज के बाद भी बहुत सावधानी रखनी होती है, क्यूंकि एक बार सही होने के बाद यह पुनः हो जाता है. ऐसे में बवासीर के रोगी को ये ज़रूर पता होना चाहिए के वो क्या खाए और क्या ना खाए. आइये जाने के बवासीर में क्या खाएं और क्या ना खाएं.
बवासीर के प्रमुख कारण.
बवासीर के प्रमुख कारण कब्ज, अजीर्ण की शिकायत, अत्यधिक शराब का सेवन, नशीली चीजों का सेवन, मिर्च मसालेदार, तले हुए गरिष्ठ पदार्थों का अधिक सेवन, अनियमित भोजन, मांस मछली, अंडा खाना, बैठे रहने का कार्य करना, मेहनत या व्यायाम ना करना, धुम्रपान, देर रात तक जागना, यकृत की खराबी, घुड़सवारी आदि होते हैं.
बवासीर के लक्षण.
इस रोग के लक्षणों में पखाना सख्त और कम मात्रा में होना, गुदा में कांटे चुभने जैसा दर्द, सूजन, खुजली होना, खून गिरना, अधिक रक्तस्त्राव से शरीर पीला पड़ना, दुर्बलता, चक्कर, घबराहट होना, चिंता, क्रोध, अपानवायु का अवरोध, जोर लगाकर वायु निकालना पड़े, आँखों में शोथ, भोजन में अरुचि आदि होते हैं.
बवासीर में क्या खाना चाहिए.
गेंहू, ज्वार के आटे की चोकर सहित बनी रोटी, दलिया, जौ, पुराने चावल, अरहर, मूंग की डाल भोजन में खाएं.फलों में अंजीर, बेल, अनार, कच्चा नारियल, केला, आंवला सेवन करें.सब्जी में तुरई, चौलाई, परवल, कुल्थी, टमाटर, गाजर, जिमीकंद, पालक, चुकंदर नियमित खाएं.प्रतिदिन भोजन के साथ मूली खाएं.. भोजन के बाद 2-3 अमरुद खाएं. दोपहर में नियमित रूप से पपीता खाएं.करेले का रस या छाछ (थोडा नमक व् अजवायन मिला कर) या दही की लस्सी पियें.खून जाने की तकलीफ हो तो धनिये के रस में मिश्री मिला कर सुबह शाम पियें.पानी का अधिक सेवन करें.
बवासीर में क्या ना खाएं.
भारी, तीक्षण, उष्ण, गरिष्ठ, मिर्च मसालेदार, चटपटे पदार्थ भोजन में न खाएं.बासी भोजन, उरद की दाल, मांस मछली, अंडा चना, खटाई का सेवन न करें.बैंगन, आलू, सीताफल, गुड, डिब्बा बंद आहार से परहेज करें.अधिक चाय, कॉफ़ी, शराब न पियें, तम्बाकू अफीम न खाएं.
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*खुनी बवासीर का एक दिन में इलाज।*
अगर आप बवासीर से परेशान हैं चाहे वो खुनी हो चाहे बादी, तो ये प्रयोग आपके लिए रामबाण से कम नहीं हैं। इस प्रयोग से पुरानी से पुरानी बवासीर 1 से 3 दिन में सही हो जाएगी। इस इलाज से एक दिन में ही रक्तस्राव बंद हो जाता है। बड़ा सस्ता व सरल उपाय है। एक बार इसको ज़रूर अपनाये। आइये जाने ये प्रयोग।
*नारियल की जटा से करे खुनी बवासीर का एक दिन में इलाज।*
नारियल की जटा लीजिए। उसे माचिस से जला दीजिए। जलकर भस्म बन जाएगी। इस भस्म को शीशी में भर कर ऱख लीजिए। कप डेढ़ कप छाछ या दही के साथ नारियल की जटा से बनी भस्म तीन ग्राम खाली पेट दिन में तीन बार सिर्फ एक ही दिन लेनी है। ध्यान रहे दही या छाछ ताजी हो खट्टी न हो। कैसी और कितनी ही पुरानी पाइल्स की बीमारी क्यों न हो, एक दिन में ही ठीक हो जाती है।
यह नुस्खा किसी भी प्रकार के रक्तस्राव को रोकने में कारगर है। महिलाओं के मासिक धर्म में अधिक रक्तस्राव या श्वेत प्रदर की बीमारी में भी कारगर है। हैजा, वमन या हिचकी रोग में यह भस्म एक घूँट पानी के साथ लेनी चाहिए। ऐसे कितने ही नुस्खे हिन्दुस्तान के मंदिरों और मठों में साधु संन्यासियों द्वारा आजमाए हुए हैं। इन पर शोध किया जाना चाहिए।
दवा लेने के एक घंटा पहले और एक घंटा बाद तक कुछ न खाएं तो चलेगा। अगर रोग ज्यादा जीर्ण हो और एक दिन दवा लेने से लाभ न हो तो दो या तीन दिन लेकर देखिए।
हम आपके लिए भारत के कोने कोने से आयुर्वेद के अनसुने चमत्कार ले कर आते हैं, आप भी इनको शेयर कर के ज़्यादा से ज़्यादा लोगो तक पहुंचाए।
*विशेष*
1. बवासीर से बचने के लिए गुदा को गर्म पानी से न धोएं। खासकर जब तेज गर्मियों के मौसम में छत की टंकियों व नलों से बहुत गर्म पानी आता है तब गुदा को उस गर्म पानी से धोने से बचना चाहिए।
2. एक बार बवासीर ठीक हो जाने के बाद बदपरहेजी ( जैसे अत्यधिक मिर्च-मसाले, गरिष्ठ और उत्तेजक पदार्थो का सेवन ) के कारण उसके दुबारा होने की संभावना रहती है। अत: बवासीर के रोगी के लिए बदपरहेजी से परम आवश्यक है।
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बवासीर का घरेलु नुस्खे...
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बर्फ – बर्फ बवासीर का पहला व सरल उपाय है| यह खून के स्त्राव को कम कर, सुजन भी कम करता है व दर्द में भी आराम मिलता है|
बर्फ को कपड़े में लपेटकर प्रभावित जगह में रखें व 10 min तक सिकाई करें| दिन में कई बार ऐसा करें आराम मिलेगा|
एलोवेरा – एलोवेरा एक नेचुरल तरीका है| एलोवेरा से खुजली जलन कम होती है| यह बहरी व अंदरूनी दोनों तरह की बवासीर को ठीक करता है|
एलोवेरा से उसका gel निकालकर प्रभावित एरिया में लगाकर मसाज करें, इससे जलन कम होगी|
इसके अलावा एलोवेरा को काट कर फ्रीजर में रखें अब इस ठंडी एलोवेरा से प्रभावित जगह पर सिकाई करें|
नीम्बू का रस – नीम्बू में बहुत सारे पोषक तत्व होते है, जो बवासीर की बीमारी में रहत देता है|
कॉटन को नीम्बू के रस में डालें फिर इसे प्रभावित स्थान में लगायें, शुरू में थोड़ी जलन महसूस होगी लेकिन थोड़ी ही देर आपको राहत मिलेगी|
इसके अलावा 1 कप गर्म दूध में आधा नीम्बू का रस मिलाएं, और तुरंत पी लें| हर 3 घंटे में ऐसा करें पूरी तरह से आराम मिलेगा|
आधी- आधी चम्मच नीम्बू का रस, अदरक का रस, पुदीने का रस व शहद मिलाएं| दिन में 1 बार इसे पियें|
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धन्यवाद और आभार ईश्वर का🙏🙏