मुह के छाले

---मुँह के छाले खत्म----------------
अक्सर पेट खराब होने पर लोग मुंह के छालों से बहुत परेशानी में पड़ जाते हैं।कुछ भी खा नहीं पाते। तो इस प्रयोग को आजमायें। छाले एक दो बार के प्रयोग से खत्म हो जाऐंगे।
समतल भूमि पर लेट जाऐं।
एक बताशा नाभि के ऊपर रखें। पानी की दो तीन बूँदें बताशा के ऊपर टपकाऐं दो मिनट में बूँदें बताशा में समा जाऐं तो दो तीन बूँदें और टपका दें!
उसके बाद आप महसूस करने लगेंगे कि नाभि के आसपास का क्षेत्र बर्फ जैसा होने लगा है। इसी अवस्था में दस मिनट पड़े रहें। पानी तब तक टपकाते रहें जब तक पूरा बताशा गलकर विलीन न हो जाय! फिर आप खुद देखेंगे कि पूरे पेट का क्षेत्र बर्फ जैसा ठंडा हो चुका है। इसी क्रिया को दूसरे दिन भी दोहरा लें। छाले गायब और पेट हीरा!
*********************************************

गले के छालों में आधा लिटर पानी में बीस ग्राम मेथीदाना डालकर गर्म करें जब अच्छी तरह उबाल आ जाए तब नीचे उतार दें।फिर थोडा ठँडा होने पर उसमें थोडा नमक डालकर गरारे करें।
ऎसा दिन में तीन बार करें आराम मिलेगा।
रात को सोते समय त्रिफला चूर्ण लें।
###############@@@@@@@@@@@@@@#######
*जीवन में लगभग सभी  को कभी न कभी एक बार मुंह में छाले अवश्य ही हुआ होगा -इसका दर्द तो केवल वही जानता है जिसे कभी मुँह में छाले हुए हों-*

मुँह में छाले होने पर तेज जलन और दर्द होता है कुछ भी खाना या पीना मुश्किल हो जाता है कुछ लोगों को तो भोजन नली तक में छाले हो जाते हैं-

मुँह में छाले होना एक सामान्य तकलीफ है जो कुछ समय बाद अपने आप ठीक हो जाती है कुछ लोगों को ये छाले बार-बार होते हैं और परेशान करते हैं ऐसे लोगों को अपनी पूरी डॉक्टरी जाँच करानी चाहिए, ताकि उनके कारणों का पता लगाकर उचित इलाज किया जा सके-

मुँह में छाले होने के कोई एक नहीं बल्कि अनेक कारण हैं ये जरूरी नहीं कि जिस कारण से किसी एक को छाले हुए हों दूसरे व्यक्ति को भी उसी कारण से हों कई बार पेट की गर्मी से भी छाले हो जाते हैं-अत्यधिक मिर्च-मसालों का सेवन भी इसके लिए जिम्मेदार होता है- क्योंकि यदि पेट की क्रिया सही नहीं है तो उसकी प्रतिक्रिया मुँह के छाले के रूप में प्रकट होती है-

भोजन में तीखे मसाले, घी, तेल, मांस, खटाई आदि अधिक मात्रा में खाने से पेट की पाचनक्रिया खराब हो जाती है जिससे मुंह व जीभ पर छाले पड़ जाते हैं पेट में कब्ज होने से या गर्म पदार्थ खाने से गर्मी के कारण मुंह में छाले, घाव व दाने निकल आते हैं ये छाले लाल व सफेद रंग के होते हैं- मुंह में छाले हो जाने पर मुंह में बार-बार लार आता रहता है- कभी-कभी मुंह के छालों से पीब भी निकलने लगती हैं- मुंह को ढकने वाली झिल्ली लाल, फूली और दर्द या जख्म से भरी होती है- इसमें जीभ लाल, फूली हुई और दांत के मसूढ़े फूले हुए होते हैं- तालुमूल में जलन होती रहती है- इस रोग में भोजन चबाने पर छाले व दानों पर लगने से दर्द होता है- पानी पीने व जीभ तालू में लगने से तेज दर्द होता है-

जब पेट के अंदर गर्मी का प्रकोप बढ़ जाता है तो जीभ की ऊपरी परत पर छाले उभर आते हैं। ऐसा उस दशा में होता है जब हम खाद्य पदार्थों का सेवन अधिक करते हैं। गर्म पदार्थों में आलू, चाट, पकौड़े, अदरक, खट्टी मीठी चीजें, अरहर या मसूर की दाल, बाजरे का आटा आते हैं। कभी-कभी शरीर भोजन को ठीक से नहीं पचा पाता है। तब आंतों में अपच का प्रदाह उत्पन्न हो जाता है। यदि हम किसी कारणवश मल-मूत्र को रोके रहते हैं तो तब मल दुबारा पचने लगता है और आंतों में सड़न क्रिया आरम्भ हो जाती है। इन सभी कारणों से जीभ पर छाले पड़ जाते हैं। इन छालों में असहनीय दर्द होता है लगता है जैसे कांटे चुभ रहे हों। मिर्च-मसालेदार चीजें खाने पर इनमें असहनीय दर्द होने लगता है तथा भोजन करना मुश्किल हो जाता है। साधारण भाषा में इसे मुंह का आना कहते हैं। इसके लिए धनिये का मिश्रण बहुत ही लाभकारी इलाज होता है-

इस रोग मे जीभ, तालु व होठों के भीतर छोटी-छोटी फुंसियां या छाले निकल आते हैं। ये दाने लाल व सफेद रंगों के होते हैं। इस रोग में मुंह में लार बार-बार आती है। मुंह में छाले होने पर मुंह से बदबू आने लगती है, छालों में जलन होती है तथा सुई चुभने की तरह दर्द होता है। मुंह में छाले होने पर भोजन करने में कठिनाई होती है। बच्चों के मुंह में छाले होने पर लाल छाले, जीभ लाल व होठ के भीतरी भाग में लाल-लाल दाने निकल आते हैं-

दांतों में गंदगी से भी मुंह में छाले पैदा हो जाते हैं अत: दिन में 2 से 3 बार दांत साफ करना जरूरी है। भोजन में लालमरसा का साग खायें। मुंह के छाले होने पर 2 केले रोजाना सुबह दही के साथ खायें। छाले होने पर टमाटर अधिक खाने चाहिए। ठण्डी फल व सब्जियां खायें। पेट की कब्ज खत्म करने के लियें सुबह 1 गिलास पानी शौच जाने से पहले पीने से लाभ होता है। भोजन में अधिक तेल, मिर्च, मांस, तेज मसाले व गर्म पदार्थ न खायें। पेट में कब्ज होने पर छाले बनते हैं। पेट में कब्ज को बनाने वाले कोई भी पदार्थ न खाएं। अधिक गरिष्ठ भोजन न करें। चाय, शराब, बीड़ी-सिगरेट या किसी भी नशीली चीज का सेवन न करें-

एलोपैथिक दवाओं के दुष्प्रभाव (साइड इफेक्ट) की वजह से भी मुँह में छाले हो सकते हैं, विशेषकर लंबे समय तक एंटीबॉयोटिक दवाओं का इस्तेमाल करने से। अधिक मात्रा में एंटीबॉयोटिक का इस्तेमाल करने से हमारी आंतों में लाभदायक कीटाणुओं की संख्या घट जाती है। नतीजतन मुँह में छाले पैदा हो जाते हैं-

*करे ये उपाय-*

नमक और बेकिंग सोडा को चुटकी भर पानी मिलाएं और छाले पर लगाकर 10 मिनट तक छोड़ दें। इसके बाद पानी से कुल्ला करें-

अमरूद के पत्तों का पेस्ट बनाकर छाले पर लगाएं, इससे तुरंत आराम मिलेगा-

आंवला को उबालकर पेस्ट बनाएं और छाले पर लगाएं। छाला जल्दी ठीक होगा-

नारियल पानी न सिर्फ पेट के लिए अच्छा है बल्कि छालों के दर्द में भी आराम देता है और मुंह को ठंडक पहुंचाता है-

शहद में केला मिलाकर खाने से भी मुंह के छाले जल्दी ठीक होते हैं और दर्द कम होता है। बहुत अधिक तकलीफ पर इनका पेस्ट बनाकर भी लगाया जा सकता है-

कैमोमाइल नींद उत्प्रेरण करता है और लोगों को मुंह के अंदर छालों के दर्द को महसूस करना भुला देता है । एक  मिनट के लिए पानी में इस चाय की बैग भिगोकर छालों पर 5-10  मिनट के लिए रख दें -

लाल मिर्च में कप्सैसिन की उपस्थिति गर्म होती है। लेकिन यह घटक शरीर के भीतर दर्द प्रतिक्रियाओं को कम करता है। यह घटक नासूर घावों के लिए अद्भुत उपाय माना जाता है।लाल मिर्च का पाउडर एक  चम्मच गर्म पानी में मिलाएं । इसमें रुई को  डुबोकर प्रभावित क्षेत्र पर लगायें। राहत पाने के लिए दिन में 2-3 बार इस्तेमाल करें -

दही किण्वित दूध से बनाया गया है| उसके कार्बोहाइड्रेट कार्बनिक अम्ल में बदलने से आप कीटाणुओं से समृद्ध पदार्थ प्राप्त करते हैं। दही विविध रोगों के इलाज के लिए प्रयोग किया जाता है। मुंह के छाले और नासूर दही खाने से खत्म किये जा सकते हैं । दही का एक बड़ा चम्मच दिन में 3 बार खाएं -

एक  बड़ा चम्मच मधुमक्खी के छत्ते का मोम पिघलाकर दो  बड़े चम्मच नारियल तेल के साथ मिलाएं और दिन में दो  से तीन बार छालों पर लगायें -

बेनाड्रिल और मालोक्स का एक हिस्सा मिलाकर कुल्ला करके थूक दें -

विटामिन ई कैप्सूल का तेल दिन में कई बार लगाने से छाले कम होते हैं -

सौंफ को मुंह में रखकर चबाने से मुंह के छाले, पीब और दाने आदि खत्म हो जाते हैं-

भोजन करने के बाद थोड़ी सौंफ खाने से मुंह में नए छाले नहीं होते हैं-

सौंफ का चूर्ण बनाकर छालों पर लगाने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं-

जिन लोगों के मुंह में छाले अक्सर होते रहते हैं वे खाने के पश्चात थोड़ी सौंफ खाया करें तो उनके मुंह में छाले नही होते हैं-

छोटी हरड़ को बारीक पीसकर छालों पर दिन में दो तीन बार लगाने से मुंह तथा जबान दोनों के छाले ठीक हो जाते हैं-

तुलसी की चार पांच पत्तियां रोजना सुबह और शाम को चबाकर ऊपर से थोड़ा पानी पी लें( ऐसा चार पांच दिनों तक करें)

करीब दो ग्राम सुहागे का पावडर बनाकर थोड़ी सी ग्लिसरीन में मिलाकर छालों पर दिन में दो तीन बार लगाएं छालों में जल्दी फायदा होगा-
���������
*नोटः उपरोक्त पोस्ट सर्वजनहिताय हेतु नेट से ली गई है.. किसी भी उपायो को अपनाने से पूर्व उचित वैध , डां. परामर्श अवश्य ले��*
#############################$$$$$

मुंह के छाले कम करने के लिए उत्तम घरेलू उपचार........
मुंह के छाले (muh ke chhale) काफी दर्दनाक और खुले भाग में होते हैं तथा इनका रंग सफ़ेद होता है। इनके चारों तरफ लाल बॉर्डर (border) होता है और ये गाल के अंदर, जीभ के नीचे, मुंह की सतह पर और होंठों पर निकलता है। इनके पैदा होने के कई कारण हैं जैसे कब्ज़, हार्मोनल परिवर्तन (hormonal changes) आदि। मुंह के छाले गम्भीर नहीं होते और 7 से 10 दिन में ठीक हो जाते हैं। नीचे मुंह के छाले का कारण, मुंह के छालों के कुछ कारण बताये गए हैं।

गलती से गाल काट लेना
विटामिन बी कॉम्प्लेक्स (Vitamin B complex) की कमी
आयरन (iron)
किसी ख़ास प्रकार के भोजन का सेवन
आनुवांशिक कारक
ज़्यादा बदहज़मी हो जाना
तनाव
विटामिन सी
पोषक पदार्थों की कमी।
मुंह के छालों से निपटने के घरेलू नुस्खे (Best natural home remedies for mouth ulcers and how to prevent them)
कैसे बुखार की दवाइयों के दौरान मुंह गले में कड़वे स्वाद से छुटकारा पायें?

मुंह के छाले से निपटने के लिए शहद
शहद एक प्राकृतिक एंटीसेप्टिक (antiseptic) का काम करता है और इसमें प्राकृतिक ह्युमेक्टैंट्स (humectants) भी होते हैं। यह आपको शरीर में पानी की कमी और घाव के दाग से बचाता है और त्वचा में नमी का संचार करने में भी काफी मदद करता है। यह नयी कोशिकाओं के तेज़ी से विकास में भी शरीर की सहायता करता है। शहद में एंटी माइक्रोबियल (anti-microbial) गुण होते हैं और इस गुण की वजह से मुंह के छाले (muh ke chale) काफी तेज़ी से ठीक होते हैं। थोड़ा सा ताज़ा शहद लें और इसकी थोड़ी सी मात्रा का प्रयोग अपने मुंह के छालों पर करें। वैकल्पिक तौर पर शहद के साथ हल्दी का मिश्रण करके एक गाढ़ा पेस्ट तैयार करें। इस पेस्ट का प्रयोग प्रभावित भाग पर करें और कुछ देर के लिए छोड़ दें। अगर आप इसे गलती से निगल भी लेते हैं तो भी यह नुकसान नहीं करेगा, क्योंकि ये हर्बल (herbal) उत्पाद होता है और स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा होता है।

बर्फ से मुंह के छाले के उपाय
बर्फ मुंह के छालों के दर्द को सुन्न करने का काफी प्रभावी नुस्खा है। बर्फ का प्रयोग प्रभावित भागों पर करना काफी फायदेमंद साबित होता है। यह छालों से होने वाले जलन और दर्द के भाव को दूर करने में काफी प्रभावी साबित होता है। यह घर में आसानी से उपलब्ध भी होता है और रोज़ाना इसका कई बार इस्तेमाल किये जाने पर यह काफी अच्छे परिणाम भी प्रदान करता है।Alka bhandari

दही से मुंह के छालों का इलाज
दही खमीर उठा हुआ दूध होती है जो बैक्टीरिया (bacteria) के खमीर का उत्पादन करने की वजह से बनती है। ये बैक्टीरिया या खमीर जैविक एसिड (acid) की तरह कार्बोहाइड्रेट्स (carbohydrates) में परिणत हो जाते हैं। रोज़ाना दही का सेवन करने से मुंह के छाले भी ठीक हो जाते हैं और स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है। यह एक सामान्य स्वास्थ्य उपचार है, जो आपके मुंह में बैक्टीरिया की मात्रा को नियंत्रित करता है। रोज़ाना दिन में 3 बार कम से कम 1 चम्मच दही का सेवन करें और मुंह के छालों से छुटकारा प्राप्त करें। अगर आप चाहें तो छालों को जल्दी ठीक करने के लिए इसमें शहद का मिश्रण भी कर सकते हैं।

गर्म नमक के पानी से मुंह के छाले का इलाज
नमक का पानी घनत्व को नियंत्रित करने में आपकी काफी मदद करता है। पानी की मदद से छालों के दौरान हुई सूजन ठीक हो जाती है और इसमें मौजूद द्रव्य भी पूरी तरह से बाहर निकल जाते हैं। अगर आप नमक के पानी से नियमित गरारा करते रहें तो आपके मुंह के छाले पूरी तरह ठीक हो जाएंगे। यह गले की सूजन को भी ठीक करने में मदद करता है और गले के पिछले हिस्से में मौजूद म्यूकस मेम्ब्रेन (mucus membrane) की कोशिकाओं की सूजन को काफी कम कर देता है। गर्म पानी से वैसे भी आपको काफी आराम प्राप्त होता है। इसमें मौजूद नमक मुंह के भागों को साफ़ सुथरा रखता है। एक चौथाई कप गर्म नमक का पानी लें और इसकी मदद से रोज़ाना दिन में 3 बार कुल्ला करें। इससे मुंह के छाले ठीक होते हैं।Alka bhandari

मुंह के छाले सभी क्षेत्रों के लोगों के लिए आम समस्याओं में से एक हैं। कुछ खाने या पीने पर मुंह में जलन और दर्द होता है। छाले होंठ और मसूड़ों के अंदर या गाल के अंदर बनते हैं । इसके इलाज के लिए सरल घरेलू उपचार उपलब्ध हैं।

नारियल के दूध से छालों का इलाज किया जाता है। नारियल से दूध निकालकर उससे कुल्ला करें । प्रभावी परिणाम पाने के लिए दिन में 3-4 बार यह उपाय करें।

सुबह उठाने पर कुछ तुलसी के पत्ते पानी के साथ खाएं। तुलसी जीवाणुरोधी और किटाणुरोधी है और मुंह के संक्रमण के खिलाफ कार्य करती है और इस प्रकार आपको स्वस्थ मुंह प्रदान करती है।

मुंह के छाले का उपचार, 1 बड़े चम्मच ग्लिसरीन में 1 चुटकी हल्दी की पाउडर मिलाएं। उसे छालों पर रखें। जलन से रहत मिलती है |

छाले कम करने के लिए ठंडे पानी और गरम पानी से बारी बारी कुल्ला करें।
धनिया के बीज का अर्क मुंह के छालों से राहत दिलाता है। इसे बनाने के लिए पानी उबाल लें और उसमे 1 चम्मच धनिया के बीज मिलाएं। पानी ठंडा होने पर उससे कुल्ला  करें।

टमाटर एंटीऑक्सिडेंट और कैंसर विरोधी गुणों से समृद्ध है। वे मुंह के छालों का इलाज और बाद में संक्रमण को खत्म कर सकते हैं। दिन में कम से कम 2 बार टमाटर का रस पियें या उससे कुल्ला करें।

मुंह के छाले ठीक करने के उपाय, धनिया के पत्ते मसलें और उबलते पानी में मिलाएं। पानी ठंडा होने पर इससे दिन में 3-4 बार कुल्ला करें।

मेथी भी मुंह के छालों के इलाज के लिए कार्य करती है। मुंह के छाले की दवा, 1 कप मेथी की पत्तियां 2 कप पानी में उबालें। पानी छाचकर उससे कुल्ला करें।

एलोवेरा में सुजनरोधी और कीटाणुरोधी गुण है। एलोवेरा के पत्ते का जेल दिन में 2-3 बार खाएं।

कपूर में शक्कर मिलाकर गाढ़ी पेस्ट बनायें। प्रभावित त्वचा पर लगाकर थोड़ी देर रखें और फिर निकाल दें।

आमला की पेस्ट छालों पर लगायें। दिन में 2 बार यह प्रयोग करें।
1 कप पानी में 2 बड़े चम्मच नमक मिलाएं। इस पानी से 1 मिनट कुल्ला करें। ठंडे पानी की जगह गरम पानी से भी यह इलाज किया जा सकता है।

कपास से टी ट्री ऑइल छालों के आसपास की त्वचा पर लगायें जिससे सुजन कम हो जाती है।

छालों का दर्द कम करने के लिए खाने का सोडा उस जगह पर लगायें।

योग संजीवनी....

Comments

Popular posts from this blog

कबीर

तेजपात के फायदे

B 12 जरूरी क्यों है