हायाटस हर्निया
*हायाटस हर्निया (Hiatal-hiatus-hernia)* क्या हैं। संपूर्ण जानकारी और सरल घरेलु उपचार।
जब हम कुछ खाते हैं तो ये सीधा हमारे पेट में जाता हैं, हमारा पेट डायाफ्राम के अंदर होता हैं, और पेट में इस भोजन को पचाने के लिए एसिड का निर्माण होता हैं, जिस से हमारा भोजन आसानी से पचता हैं, पेट के ऊपर की तरफ एक वाल्व लगा रहता हैं, जो सिर्फ तभी खुलता हैं, जब हम भोजन करते हैं, या कुछ खाते हैं, ये पेट में बनने वाले एसिड को पेट में ही रोकता हैं। ये समस्या ज़्यादातर 50 से ऊपर की आयु के लोगो में पायी जाती हैं।
मगर हायाटस हर्निया की स्थिति में पेट का ऊपरी हिस्सा अपने डायाफ्राम के कमज़ोर होने के कारण से डायाफ्राम से बाहर आ जाता हैं, जिस से ये अपने अंदर बनने वाले एसिड को रोक नहीं पाता, और ये एसिड पेट की नली में पहुँच कर जलन पैदा करते हैं, जिस से हमारे सीने में जलन और हल्का दर्द होता हैं। एक बात ध्यान रखे के सीने में होने वाली हर जलन हायाटस हर्निया नहीं हैं, ये गैस्ट्रिक समस्या या तेज़ाब की समस्या के कारण भी हो सकती हैं।
ये सामान्तया दो प्रकार का होता हैं।
1. एक जिसमे पेट का ऊपरी हिस्सा बढ़ जाता हैं और फिर थोड़ी देर बाद फिर से नार्मल हो जाता हैं, जिसको स्लाइडिंग हर्निया कहा जाता हैं। अधिकतर मामलो में यही पाया जाता हैं।
2. और दूसरा जिसमे पेट ऊपर की और बढ़ कर अपनी जगह फिक्स कर लेता हैं। ऐसा बहुत काम पाया जाता हैं।
हायाटस हर्निया की प्रमुख वजहें।
हायाटस हर्निया अनेक वजहों से हो सकता हैं, कुछ प्रमुख वजहें निम्न लिखित हैं।
1. पेट के भीतर से बढ़ा हुआ दबाव।
2. भारी सामान उठाने या अधिक झुकने की वजह से।
3. अक्सर खांसने से या बहुत बुरी तरह खाँसी होना भी एक वजह हैं।
4. ज़्यादा छींकने से।
5. बहुत ज़्यादा और लगातार उल्टी होने से।
6. दबाव
7. तनाव
8. इसका मुख्या कारण पेट का मोटापा हो सकता हैं।
9. ये गर्भवती स्त्रियो को डिलीवरी के समय अधिक ज़ोर लगाने के कारण भी हो सकता हैं।
इसके लिए डॉक्टर एंडोस्कोपी की सलाह देते हैं, जिस से पता चल जाता हैं अगर ये रोग हो।
हायाटस या हायटल हर्निया के लिए सरल घरेलु उपचार।
1. रोगी को अधिक से अधिक पानी घूँट घूँट भर कर पीना चाहिए।
2. अगर रोगी का वजन बढ़ा हुआ हैं, तो सब से पहले उसको अपना वजन नियंत्रित करना चाहिए।
3. खाना खाने के तुरंत बाद रोगी को सोना नहीं चाहिए, थोड़ी वाकिंग ज़रूर करे।
4. 1 चम्मच सेब का सिरका भोजन के एक घंटे के बाद एक गिलास पानी में डाल कर धीरे धीरे घूँट घूँट कर के पिए।
5. सुबह दोपहर और शाम आधा आधा चम्मच कच्चा जीरा चबा चबा कर खाए, और ऊपर से गुनगुना पानी पी ले।
6. रात को सोने से पहले एक चम्मच अर्जुन की छाल और एक चौथाई दाल चीनी एक गिलास पानी में आधा रहने तक उबाले और फिर छान कर नित्य पिए।
7. सुबह खाली पेट एलो वेरा जूस ज़रूर पिए, एक गिलास पानी में कम से कम ३० मिली एलो वेरा डालिये और इसको घूँट घूँट कर पी लीजिये।
8. शाम के समय 2 केले रोज़ाना खाए।
9. अलसी एक सुपर फ़ूड हैं, गर्मियों में 1 चम्मच अलसी के बीज कच्चे या भूने हुए और सर्दियों में ३ चम्मच खाए। इसमें मौजूद ओमेगा-3 हायटल हर्निया के लिए बहुत फायदेमंद हैं।
10. रात को एक चम्मच मेथी दाना एक गिलास पानी में भिगो कर रख दीजिये और सुबह मेथी दाना चबा चबा कर खा लीजिये और इस पानी को घूँट घूँट कर के पी लीजिये।
11. भोजन में जौं (oat) के आटे को शामिल करे।
मेथी दाना और दाल चीनी दोनों ही गर्म हैं, इस लिए गर्मियों में इन दोनों में से सिर्फ एक ही चीज इस्तेमाल करे।
इस को सम्पूर्ण रूप से सही करने के लिए कसरत का बहुत बड़ा योगदान हैं। इसलिए आपको नित्य हलकी कसरतों को और कुछ योगासन को भी अपने जीवन में शामिल करना पड़ेगा। हायटल हर्निया के लिए प्रमुख कसरते।
सुबह नित्य कर्म से निर्व्रत हो कर एक गिलास गर्म या गुनगुना पानी पीजिये इसमें एक चम्मच सेब का सिरका या एलो वेरा डाल लीजिये।
1. अब सीधे खड़े हो जाइये, अपने दोनों हाथो को साइड में पंखो की तरह फैला लीजिये, अब कोहनियो से दोनों हाथो को मोड़ लीजिये, आपके दोनों हाथ आपकी छाती को छू रहे होंगे। इसी पोजीशन में खड़े रहे, अब अपने शरीर को अपने पैरो के पंजो पर खड़ा कीजिये, और जितना हो सके उतनी देर तक खड़े रहे, ऐसा कम से कम १० बार करे।
2. सीधे खड़े हो जाइये, पैरो को विश्राम की स्थिति में रखे, कमर बिलकुल सीधी, अब अपने एक हाथ को अपनी कमर पर रखिये, और दूसरे हाथ को ऊपर हवा में सीधा खड़ा करे, अभी अपने शरीर को दूसरी तरफ मोड़े जिस तरफ हाथ कमर पर रखा हैं। ऐसा कम से कम 10 बार करे।
3. ज़मीन पर सोइये और अपने शरीर को एक पसवाड़े कर लीजिये। जिस तरफ सोये हैं, वो हाथ को ज़मीन पर सीधा सिर से ऊपर की तरफ कीजिये, और दूसरा हाथ ज़मीन पर रखिये, अभी अपने ऊपर के पैर को हवा में सीधा करने की कोशिश करे और जितना हो सके उतना हवा में रोके। ऐसा भी कम से कम 10 बार करे।
सावधानिया।
1. धूम्रापान, शराब का सेवन, मीट मांस, ये सब बंद कर दीजिये।
2. चाय कॉफ़ी का सेवन बंद कर दीजिये।
3. कभी भी पेट भर कर या भूख से ज़्यादा भोजन ना करे।
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धन्यवाद और आभार ईश्वर का🙏🙏