सर्वाइकल,स्पोडोलिटीएस,सियाटिका

�� *सर्वाइकल स्पोंडिलिटिस और साइटिका रोग*��

इस रोग में मरीज की गर्दन के पीछे से दर्द होते हुए शरीर के बाकी अंगों में असर करता है असहनीय दर्द होता है एलोपैथ में डॉक्टर मरीज के गले में पट्टा बांध देते हैं जिससे गर्दन भी घूमना बंद हो जाती है।

अगर किसी सज्जन को ये तकलीफ है तो इस उपचार को करें 100 प्रतिशत लाभ मिलेगा

हरसिंगार के 5 पत्ते ले कर इन्हें 1 गिलास  पानी में उबालें 1/4 पानी शेष रहने पर छान लें।

दशमूल क्वाथ और पीडान्तक क्वाथ (पतंजलि स्टोर से मिल जायेगा) 1-1 चम्मच मिला कर 1 गिलास पानी में पकाएं जब 1/4 गिलास पानी बचे तब छान कर पहले बनाये हुए हरसिंगार के काढ़े में मिला कर खाली पेट पी लें।

एकांगवीर रस               10 ग्राम
गोदंती भष्म                  10 ग्राम
प्रवाल पिष्टी                  10 ग्राम
स्वर्ण माक्षिक भष्म          5 ग्राम
वृहत वात चिंतामणि रस   1 ग्राम

पांचों को मिला कर 60 पुड़िया बना लें सुबह शाम भोजन से आधा घंटा पहले शहद या पानी से 1 पुड़िया ले लें।

ये इलाज़ लगभग 4-5 महीने करना है।

जब कभी दर्द ज़्यादा हो तो सरसों के तेल में अजवाइन और लहसुन पका कर छान कर रख लें इस तेल की मालिश दर्द वाली जगह पर करें।
या पिडंताक तेल की मालिश भी कर सकते हैं।

गर्दन का पट्टा वगैरह सब उतर जायेगा।

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