सावन भादो में क्या खाये और क्या न

सावन व भादों मास में खाने पीने का परहेज़ करके अपनेआप को बीमारियों से बचाए रखने के रामबाण उपाय और नुस्खे
निम्न वस्तुओ का सेवन ना करे:-
१. दूध ,दही लस्सी न लें ।
२. हरे पत्ते वाली सब्ज़ी न खाएँ ।
३. रसदार फल न लें । आम न खाएँ ।
४. बैंगन ,लौकी न खाएँ ।
५. गाजर मूली चुकंदर ककड़ी खीरा न खाएँ ।
६.बाजार से फ़ास्ट फ़ूड न खाएँ।
७.मिठाईयां न खाएँ ।
८. किसी प्रकार का माँस व मदिरा न लें ।
९. तेज़ खट्टा न खाएँ ।
१०. ठंडी व बासी चीज़ न खाएँ ।
११. Ice cream व cold drink. न पीएँ ।

फिर क्या खाएँ ।
१. पनीर , मटर की सब्ज़ी ,दालें सभी खा सकते हैं ।
२. गाजर टमाटर का सूप ,
३. अदरक,प्याज़ ,लस्सन,
४. सेब ,अनानास,बेल फल ,नारियल ।
५ . जलेबी , थोड़ा गर्म गुलाब जामुन व हलवा ।
६ . बेसन का ज़्यादा प्रयोग करें ।
७. पानी उबाल कर , ताज़ा कर के पीएँ ।
८. हल्दी वाला गर्म दूध ले सकते हैं ।
९. देसी चाय ले सकते है ।

ध्यान रखें ; इन दो महीनों व वर्षा ऋतु में ज्ठराग्नि ( पाचन शक्ति ) कमज़ोर व मंद होती है । इसलिए वात पित् व कफ रोग बड़ जाता है ।

इस ऋतु में वर्षा के कारण जलवायु में कई प्रकार के विषाक्त कीटाणुओं का सब्ज़ियों व फलों पर व ठंडे पेय पदार्थों पर हमला हो जाता है जो कि मनुष्य ,पशु ,जानवरों ,पंछियों व पानी में रहने वाले जीवों को भी नुक्सान करता है
इसलिए पानी भी उबाल कर पीएँ ।
तलाब व खड़े पानी व नदी दरिया के पानी में न नहाएँ ।
अगर नहाना पड़ जाए तो बाद में नीम् युक्त साबुन से नहाएँ
नहीं तो पित रोग का ख़तरा है ।

|| जय महाकाल ||

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