रोग और योगासन

!!!---: रोग और योगासन :---!!!
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विभिन्न रोगों में किए जाने वाले विशेष योगासन :----
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(१.) मोटापा---पश्चिमोत्तासन, चक्रासन,
मत्स्येन्द्रासन, गोमुखासन, धनुरासन, हस्तपादासन आदि ।

(२.) अस्थि, सन्धि-विकार एवं कटिशूल----वीरासन, भुजंगासन, शलभासन, धनुरासन, वज्रासन, मत्स्यासन, सुप्त वज्रासन आदि ।

(३.) उच्चरक्तचाप---शवासन, पद्मासन (ध्यान में), स्वस्तिकासन आदि ।

(४.) निम्न रक्तचाप---सर्वांगासन, शीर्षासन, भुजंगासन,योगमुद्रासन आदि ।

(५.) श्वसन-विकार, फुफ्फुस विकार, जीर्ण कासः---भुजंगासन, सर्वांगासन, पश्चिमोत्तासन, मत्स्यासन, वज्रासन, सिंहासन आदि ।

(६.) मधुमेहः---मयूरासन, भुजंगासन, मत्स्येन्द्रासन, गोमुखासन, चक्रासन आदि ।

(७.) अजीर्ण, मन्दाग्नि एवम् अम्लपित्तः--वज्रासन, वीरासन, पवनमुक्तासन, उत्तानपादासन, मयूरासन, अर्धमत्स्येन्द्रासन, गोमुखासन आदि ।

(८.) विबन्ध एवं वायु-विकारः---पवनमुक्तासन, जानुशिरासन, भुजंगासन, धनुरासन, उत्तानपादासन आदि ।

(९.) मस्तिष्क-विकार, अनिद्रा, चित्तोद्वेग आदि---शवासन, शीर्षासन, विपरीतकरणी, योगमुद्रासन, पद्मासन, स्वस्तिकासन आदि ।

(१०.) रजोविकृति, गर्भाशय-विकृतिः---शीर्षासन, सर्वांगासन, हलासन, उत्तानपादासन आदि ।

अन्तःस्रावी ग्रन्थियों को प्रभावित करने वाले आसन

(१.) पिनियलः---शीर्षासन, सर्वांगासन, वृक्षासन आदि ।
(२.) पिट्युटरी---शीर्षासन, सर्वांगासन, वृक्षासन आदि ।
(३.) थायराइडः--- सर्वांगासन, हलासन, मत्स्यासन आदि ।
(४.) पैन्क्रियाजः--- मत्स्येन्द्रासन, चक्रासन, मत्स्येन्द्रासन  आदि ।
(५.) वृक्कः---भुजंगासन, योगमुद्रासन, मत्स्येन्द्रासन आदि ।
(६.) अधिवृक्कः--- मयूरासन एवं वृक्क पर प्रभाव वाले आदि ।
(७.) जनन ग्रन्थियाँ----वज्रासन,, सिद्धासन, शलभासन, उत्तानपादासन  आदि  ।

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