मधुमेह (डायबिटीज)

श्री योग संजीवनी...

मधुमेह (डायबिटीज) -- Dr. Subhash Shalya
**********************************************
डायबिटीज कोई छोटी-मोटी बीमारी नहीं हैI यह आपको फेवरिट फ़ूड खाने से रोकता है और डाइट में बदलाव करने के लिए मजबूर करता हैI आपको बार-बार अपनी उंगली में सुई चुभाकर भी निराश होना पड़ता हैI आप ब्लड शुगर के लिए बहुत सी दवाएं और कई तरह के इंसुलिन खरीदते हैं और इतना खर्च करने के बाद भी तकलीफ और निराशा ही हाथ लगती हैI इसी वजह से ब्लड शुगर कम करना एक नामुमकिन चुनौती सा लगता हैI

हाई ब्लड शुगर आपके ब्लड को गाढ़ा करती है और आपका ब्लड सर्कुलेशन धीमा हो जाता हैI इस वजह से ऑर्गन्स तक पोषक तत्व नहीं पहुँच पाते हैं और आपका एनर्जी लेवल कम होने लगता हैI फिर आपकी नजर कमजोर होती जाती हैI इसके बाद आपके पास 2 ही रास्ते बचते हैं, या तो पैर कटवाओ या फिर अपने सारे अंगों को मरते हुए देखोI

शुगर की बीमारी से पीड़ित कुछ मरीजों की टांगें इतनी खराब हो जाती हैं कि उन्हें काटना भी पड़ता हैI

इस से भी ज्यादा पीड़ादायक बात तो ये है कि 4 में से 1 मरीज को पता ही नहीं होता कि उसे डायबिटीज़ है और पता तब चलता है जब बहुत देर हो चुकी होती है. डायबिटीज़ के मरीजों को धीरे धीरे कई खतरनाक बीमारियां जैसे कि अल्जाइमर, हार्ट अटैक, डिमेन्शिया और यहां तक की कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है।

इंसुलिन 1 हार्मोन है जो आपके सेल्स में शुगर को इकठ्ठा करता हैI बिना इन्सुलिन शुगर अंदर नहीं जा सकतीI जिसकी आपको बेहद जरुरत होती हैI इन्सुलिन उस ‘चाबी’ की तरह है जो आपके सेल्स पर लगे ‘ताले’ को खोलता हैI जब इन्सुलिन ठीक से काम करता है तो सेल के दरवाजे से शुगर अंदर जाती है और जल कर एनर्जी में बदल जाती है।

कई बार ज्यादा एक्सपोज़र के चलते ये ताले खराब हो जाते हैं और शुगर सेल में नहीं जा पाती है और ब्लड में ही रह जाती हैI इस वजह से शुगर पूरी तरह जल नहीं पाती है और ब्लड को गाढ़ा बना देती है। ब्लड गाढ़ा होते ही धीमे बहने लगता है। इस वजह से पहले तो आंखों की रोशनी कम होती है और फिर शरीर के दूसरे अंग काम करना बंद करने लगते हैंI यहाँ तक की ज्यादा शुगर बढ़ने पर आप अल्जाइमर, डिमेन्शिया, हर्ट अटैक और यहां तक कि कैंसर के शिकार भी हो सकते हैं l

शरीर में Pancreas Gland से इन्सुलिन न बनने के कारण मधुमेह रोग उत्पन्न होता है। यह हार्मोन शरीर में सेवन की गई चीनी का पाचन कर उसे ऊर्जा में परिवर्तित करता है और रक्त में ग्लूकोज की मात्रा एक निश्चित स्तर से अधिक नहीं बढ़ने देता। बाकि बची हुई फालतू शुगर की मात्रा इंसुलिन द्वारा ही ग्लाइकोजन में परिवर्तित करके पेट और मांसपेशियों में एकत्रित कर दी जाती है। आमतौर पर खाली पेट में रक्त की शुगर का स्तर 80 से 120 मिली ग्राम प्रति 100 सी.सी. के बीच होता है और खाना खाने के बाद यह स्तर 100 से 140 मिलीग्राम हो जाता है।

मधुमेह होने के लक्षण मालूम पड़ते ही मूत्र और रक्त की जाँच करवा लें।
सुबह खाली पेट रक्त की जाँच में शर्करा की मात्रा 80 से 120 एमजी (प्रति 100 सीसी रक्त) के बीच में होना सामान्य स्वस्थ अवस्था होती है।यदि यह अवस्था हो तो मनुष्य स्वस्थ है। यदि शर्करा की मात्रा 120 एमजी से ज्यादा, लेकिन 140 एमजी से कम हो तो यह मधुमेह की प्रारंभिक अवस्था होगी। यदि 140 एमजी से ज्यादा हो तो मधुमेह रोग ने जड़ जमा ली है l

अकसर यह रोग महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में, गरीबों की अपेक्षा अमीरों में तथा 35 से 60 वर्ष की आयु वालों में अधिक होता है। वैसे वंशानुगत (Hereditary Disease) की श्रेणी में आने कारण से यह रोग किसी भी आयु में हो सकता है। यानि जिनके माता-पिता या दादा-दादी को मधुमेह रोग रहा हो तो उन्हें तो बचपन से ही इस रोग के प्रति जागरूक हो जाना चाहिए और समय-समय पर अपनी जाँच करवाते रहना चाहिए |

किसी भी शुगर के मरीज़ को इस तरह का भोजन लेना चाहिए जो पेट भरने के अलावा उसके शरीर में ब्लड शुगर की मात्रा को संतुलित रख सके। मधुमेह के मरीज के मुंह में गया हर कौर उसके स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। इसलिए मरीज़ को अपने भोजन का खास ख्याल रखना ज़रूरी है।

आमतौर मरीज ब्लडशुगर की नार्मल रिपोर्ट आते ही लापरवाह हो जाता है। जबकि यह रोग मनुष्य के साथ जीवन भर रहता है इसलिए जरूरी है कि वह अपने खानपान पर हमेशा ध्यान रखा जाए।

इन्सुलिन हार्मोन के स्रावण में कमी से डायबिटीज रोग होता है। डायबिटीज आनुवांशिक या उम्र बढ़ने पर या मोटापे के कारण या तनाव के कारण हो सकता है। डायबिटीज ऐसा रोग है जिसमें व्यक्ति को काफी परहेज से रहना होता है। ज़रा सी लापरवाही से गंभीर समस्या हो सकती है।

डायबिटीज की बीमारी के लक्षण क्या है ?
---------------------------------------------
डायबिटीज के प्रमुख लक्षण निम्न है:-
लगातार पेशाब आना
जरुरत से अधिक प्यास लगना
हमेशा तीव्र भूख लगना
वजन का असामान्य रूप से लगातार बढ़ते जाना
वजन का असामान्य रूप से लगातार घट जाना
जल्दी और ज्यादा थकावट हो जाना
चिड़चिड़ापन
दृष्टि धुंधली होना
शरीर के कट और घाव ठीक या जल्दी ठीक न होना
अधिक त्वचा और / या खमीर संक्रमण
त्वचा में खुजली
मसूड़ों लाल और / या सूजी हुई हैं – मसूड़ों दांत से दूर खींचे
लगातार मसूढ़े की बीमारी / संक्रमण
पति पत्नी आपस में सम्भोग करते समय बहुत ज्यादा तकलीफ
झुनझुनी , विशेष रूप से अपने पैरों और हाथों में
उपरोक्त एक से ज्यादा लक्षणों का एक साथ होना, डायबिटीज की बीमारी का लक्षण हो सकता है, ऐसा होने पर तुरंत किसी अच्छे चिकित्सक से परामर्श लें।

जानें कैसा हो शुगर पेशेंट का डाइट चार्ट :-
*************************************
1. मधुमेह के रोगी को आंखों व किडनी के रोग, सुन्नपन आना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए सदैव यही प्रयत्न करना चाहिए कि ब्लड ग्लूकोज लेवल फास्टिंग 70-110 मिलीग्राम/ डीएल व खाना खाने के 2 घंटे बाद का 100-140 मिलीग्राम डीएल बना रहे। इसके लिए इन्हें खान-पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। 45 मिनट से 1 घंटा तीव्र गति से पैदल चलना या अन्य कोई भी व्यायाम करना चाहिए। सही समय पर दवाई या इंसुलिन लेना चाहिए।

2. डायबिटिक व्यक्ति को अपने वजन व लंबाई के अनुसार प्रस्तावित कैलोरीज से 5 % कम कैलोरी का सेवन करना चाहिए। उदाहरण के तौर पर यदि किसी व्यक्ति की लंबाई 5 फुट 4 इंच है तो उसका आदर्श वजन 55 किग्रा होना चाहिए। व्यक्ति की क्रियाशीलता यदि कम है, जैसे कि वह बैठे-बैठे कार्य करता है तो उसे 2400 कैलोरी लेना चाहिए।

3. डायबिटिक हो तो इसका 5 प्रश कम अर्थात 2280 कैलोरी आहार उसके लिए सही रहेगा। यदि वह मोटा हो तो उसे 200-300 कैलोरी और घटा देना चाहिए। ब्लड ग्लूकोज लेवल फास्टिंग 70-110 मिलीग्राम/ डीएल व खाना खाने के 2घंटे बाद का 100-140 मिलीग्राम डीएल बना रहे। इसके लिए इन्हें खान-पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। 45 मिनट से 1 घंटा तीव्र गति से पैदल चलना या अन्य कोई भी व्यायाम करना चाहिए।

4. सामान्य डायबिटिक व्यक्ति को अपने आहार में कुल कैलोरी का 40 % कार्बोहाइड्रेटयुक्त पदार्थों से, 40 प्रतिशत फेट (वसा) युक्त पदार्थों से व 20 प्रतिशत प्रोटीनयुक्त पदार्थों से लेना चाहिए। एक वयस्क अधिक वजनी डायबिटिक व्यक्ति को 60 प्रत‍िशत कार्बोहाइड्रेट से, 20 प्रतिशत फेट से व 20 प्रतिशत प्रोटीन से कैलोरी लेना चाहिए।

5. डायबिटिक व्यक्ति को प्रोटीन अच्छी मात्रा में व उच्च गुणवत्ता वाला लेना चाहिए जैसे दूध, दही, पनीर,, सोयाबीन आदि का सेवन करना चाहिए। इंसुलिन ले रहे डायबिटिक व्यक्ति एवं गोलियांं ले रहे डायबिटिक व्यक्ति एवं गोलियांं ले रहे डायबिटिक व्यक्ति को खाना सही समय पर लेना चाहिए।
ऐसा न करने पर हायपोग्लाइसीमिया हो सकता है, जिसके लक्षण निम्न हैं - (1) कमजोरी लगना,
(2) अत्यधिक भूख लगना,
(3) पसीना आना,
 (4) नजर से धुंधला या डबल दिखना,
 (5) हृदयगति तेज होना,
(6) झटके आना एवं गंभीर स्थिति होने पर कोमा भी हो सकता है।

6. डायबिटिक व्यक्ति को हमेशा अपने साथ कोई मीठी चीज जैसे ग्लूकोज, शकर, चॉकलेट, मीठे बिस्किट में से कुछ रखना चाहिए एवं ऐसे लक्षण होने पर तुरंत इनका सेवन करना चाहिए। एक सामान्य डायबिटिक व्यक्ति को अपने आहार में निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए कि वे थोड़ी-थोड़ी देर में कुछ खाते रहें। दो या ढाई घंटे में कुछ खाएंं। एक समय पर बहुत सारा खाना न खाएं।

7. तले हुए पदार्थ, मिठाइयां, बेकरी के पदार्थों से परहेज करें। दूध सदैव डबल टोन्ड (स्किम्ड मिल्क) का प्रयोग करें। कम कैलोरीयुक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें जैसे भुना चना (छिलके वाला), परमल, अंकुरित अनाज , सूप, सलाद आदि का ज्यादा सेवन करें। दही (स्किम्ड मिल्क) से बनाया हुआ ले सकते हैं। छाछ का सेवन श्रेयस्कर होता है। मैथीदाना (दरदरा पिसा हुआ) 1/2-1 चम्मच खाना खाने के 15-20 मिनट पहले लेने से शुगर कंट्रोल में रहती है व फायदा होता है। रोटी के आटे को बिना चोकर निकाले प्रयोग करें व इसकी गुणवत्ता बढ़ाने के लिए इसमें सोयाबीन मिला सकते हैं।

8. घी व तेल का सेवन दिनभर में 20 ग्राम (4 चम्मच) से ज्यादा नहीं होना चाहिए। अतः सभी सब्जियों को कम से कम तेल का प्रयोग करके नॉनस्टिक कुकवेयर में पकाना चाहिए। हरी पत्तेदार सब्जियां खाना चाहिए। अपनी कैलोरीज का निर्धारण कुशल डायटिशियन से बनाकर उसके अनुसार चलें तो अवश्य ही लाभ होगा व भोजन में विकल्प ज्यादा मिल सकते हैं जिससे आपका भोजन वैरायटी वाला हो सकता है।

डायबिटीज में क्या खाए ? और क्या नहीं ??
*******************************************
शुगर को बढ़ने से रोकने तथा नियंत्रण और यहां तक कि काफी हद तक पूरी तरह से ठीक करने में काफी सहायक सिद्ध हो सकता है | एक मधुमेह से पीड़ित रोगी को अपने भोजन को चुनने में बहुत सावधानी बरतनी चाहिए,जैसे कैलोरी और कार्बोहाइड्रेट कम से कम लेना चाहिए |

इसलिए हम आपको बता रहे है एक " आदर्श डायबिटीज डाइट " जिसमे यह बताया गया है की मधुमेह से पीड़ित रोगी क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए | साथ ही साथ इससे उन लोगो को भी लाभ मिलेगा जो इस बीमारी से बचना चाहते है, क्योंकि “क्या न खाए” भाग में जिन चीजो को रखा गया है उनकी मात्रा आज ही अपनी थाली से कम करे , क्योंकि एक सही डायबिटीज डाइट इस रोग को काबू करने में काफी मदद करती है | वैसे भी रोगों से बचाव ही सबसे अच्छा उपचार होता है |

Diabetic Diet में ज्यादा फाइबर युक्त भोजन -जैसे छिलके सहित पूरी तरह से बनी हुई गेहूं की रोटी, जई इत्यादि जैसे जटिल कार्बोहाइड्रेट शामिल होनी चाहिए, क्योंकि वे खून के प्रवाह में धीरे-धीरे मिल जाते हैं। इस प्रकार Insulin उत्पादित Glucose का बेहतर ढंग से सामना कर सकती है।

गेहूं और जौ 2-2 किलो की मात्रा में लेकर एक किलो चने के साथ पिसवा लें। ऐसे चोकर सहित आटे की बनी चपातियां भोजन में खाएं। इसे अपने Diabetic Diet में अवश्य शामिल करें |
मधुमेह रोगियों के लिए आहार के अंतर्गत सब्जियों में करेला, मेथी, सहजन , पालक, तुरई, शलगम, बैंगन, परवल, लौकी, मूली, फूलगोभी , broccoli , टमाटर , बंदगोभी , Tofu, सोयाबीन की मंगौड़ी, जौ, बंगाली चना, काला चना, दालचीनी, पत्तेदार सब्ज़ियां शामिल करें तथा इन सब्जियों से बने पतले सूपों का जितना चाहें उतना सेवन करें।

मधुमेह में फल (Fruit For Diabetes Patient ) :-
-----------------------------------------------------
फलों में जामुन, नीबू , आंवला टमाटर, पपीता , खरबूजा , कच्चा अमरुद, संतरा, मौसमी, ककड़ी ,चुकन्दर , मीठा नीम, बेल का फल, जायफल , नाशपाती को शामिल करें।

आम ,पका केला ,सेब, खजूर तथा अंगूर में शुगर होता है, लेकिन क्योंकि फलों में फाइबर ज्यादा होता है इसलिए ये अच्छे शुगर की केटेगरी में आते है | जिनको हाई लेवल मधुमेह नहीं है वो इनको कम मात्रा में ले सकते है|

इनका जूस बिल्कुल ना पियें क्योंकि उससे फाइबर निकल जाते है |

मेथी दाना (बीज) 25 से 100 ग्राम तक प्रतिदिन सुबह खाली पेट या सब्जी बनाकर, आटे में मिलाकर अथवा दाल के साथ नियमित रूप से खाएं।

मक्खन एवं पनीर के बजाय नमक के पानी में डिब्बाबंद मशरूम, उबले आलू का उपयोग करें।
खाने से पहले एक कटोरी सलाद जरुर लें।

Diabetic Diet में अंकुरित दाले , अंकुरित छिलके वाला चना , सत्तू, बाजरा आदि शामिल करे |
कमजोरी दूर करने के लिए हरा कच्चा नारियल, मूंगफली के दाने, सोयाबीन, छाछ का सेवन करें।

इंसुलिन के बनने में क्रोमियम की कमी से रुकावट आती है। इसलिए इसकी कमी को पूरी करने के लिए फूलगोभी, मशरूम, चोकर सहित खड़े अनाज, खमीर, और दालचीनी (cinnamon), अजमोद का भी सेवन करें।

फलों का ताज़ा जूस न पीए इसकी बजाय फल खाएं क्योकि उसमे ज्यादा फाइबर होता है !

मधुमेह से ग्रस्त रोगियों को अधिकतर ताजी, हरी सब्जियां खानी चाहिए । प्रत्येक भोजन के साथ सलाद जरुर लेना चाहिए । खाने में आधिक मात्रा में फल एवं सब्जियां लेने से शरीर में अधिक पानी पहुंचता है। पानी की भरपूर मात्रा गुर्दों एवं यूरिन उत्सर्जन तंत्र के लिए आवश्यक है ।
आहार प्रबंधन और Diabetic Diet के माध्यम से अपना वज़न पर नियंत्रित रखें।
एक संतुलित आहार का मुख्य गुण यह है कि उसमे भोजन की प्रकृति व्यक्ति विशेष की जरुरत के हिसाब से बदल जाती है ।

भोजन एक बार में न कर थोड़ी-थोड़ी मात्रा में 4-5 बार करें।

किसी भी समय का भोजन न छोड़ें
तीन बार बराबर-बराबर भोजन ले और यदि आवश्यकता हो तो शाम को हल्का नाश्ता ले |

चीनी रहित चाय, कॉफी, दूध का सेवन करें। मिठास के लिए “Artificial Sweeteners” या शूगर फ्री गोलियां उपयोग में लें सकते है।

भोजन ठीक से चबा चबाकर खाएं, फ़ूड विशेषज्ञ इस बात की सलाह देते हैं कि , प्रत्येक खाने का ग्रास पंद्रह बार चबाया जाना चाहिए |

ख़ाली पेट न रहें और लिए जाने वाले भोजन की कुल मात्रा में कमी लाएं एवं नियमित रूप से व्यायाम करें।
यदि आप अपनी सीमा से ज़्यादा खा लेते हैं तो अगले समय के भोजन में थोडा कम खाए |
आप Diabetic Diet में शहद और गाजर को कम मात्रा में शामिल कर सकते है क्योकि ये “Good Sugar Substitutes” श्रेणी में आते है | लेकिन इसके लिए अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें क्योंकि यह Diabetes के विभिन्न Types पर निर्भर करता है |

मधुमेह से पीड़ित रोगियों को क्या नहीं खाना चाहिए ?
----------------------------------------------------------
Diabetic Diet प्लान में से घी और नारियल का तेल आदि चिकनाई युक्त चीजो को निकाल देना चाहिए।
पूरी, कचौड़ी, समोसा, पकौड़े आदि खाने से भी बचना चाहिए।

गुड़, शक्कर, मिश्री, चीनी, शर्बत, मुरब्बा, शहद, पिज़्ज़ा ,बर्गर आइसक्रीम तथा ठंडे पेय पदार्थ इस्तेमाल नहीं करने चाहिए |

Diabetes नियंत्रण करने वाली औषधियों के प्रयोग के दौरान Diabetic Patient को भोजन नहीं छोड़ना चाहिए |
चिकन , Leg piece को खाने से बचें ।

चावल और आलू का ज्यादा सेवन नहीं करना चाहिए। खासतौर पर नए चावल न खाएं |

मैदे से बनी सफ़ेद रोटी (नान, तंदूरी रोटी ), नूडल्स, नाश्ते में अनाज, मीठे बिस्कुट, केक, परांठे, मैदे से बनी सफेद डबलरोटी एवं पेस्ट्री, कचौरी, चाट भी न खाएं।

चाशनी में डिब्बाबंद फल न खाएं।
शराब, बियर आदि मादक पदार्थो का सेवन न करे |
मकई का आटा, सूजी, ज्यादा वसायुक्त पनीर, sauce, cheese, अचार, मुरब्बा , सीताफल , पेठा जैसे भोजन का सेवन न करें।
सुनहरी चाशनी, च्यूइंगम, मीठे पेय, डब्बा बंद जूस, सोडा , मिठाइयाँ, Energy drinks, कोला एवं चीनी से बने जैम का सेवन न करें।

रक्त परीक्षण (Blood Test) और मूत्र परीक्षण (Urinal Test) हर दूसरे-तीसरे महीने करवाते रहना चाहिए। इससे आपको Blood Sugar level की जानकारी रहेगी तथा आप सजग और सतर्क रहेंगे ।

नियमित रूप से सुबह शाम सैर (Morning Evening Walk ) करें और एक जगह बैठकर मानसिक परिश्रम कम से कम करें |

मधुमेह कम करने के लिए आयुर्वेदिक उपाय
-------------------------------------------------
खीरा, करेला और टमाटर एक-एक की संख्या में लेकर इसका जूस निकालकर, सुबह खाली पेट पीने से Diabetes में लाभ होता है
जामुन की गुठली का पाउडर करके, एक-एक चम्मच सुबह-शाम खाली पेट पानी के साथ लेने से Diabetes नियंत्रित होती है।
नीम के 7 पत्ते सुबह खाली पेट चबाकर अथवा पीसकर पानी के साथ लेने पर Diabetes में लाभ मिलता है
सदाबहार के 7 फूलों को खाली पेट पानी के साथ चबाकर सेवन करने से भी Diabetes में लाभ मिलता है।
गिलोय , जामुन , कुटकी निम्ब पत्र , चिरायत, काल मेघ, सूखा करेला, काली जीरी, मेथी, इनको समान मात्र में लेकर पीस लें। फिर यह पिसा हुआ पाउडर 1-1 चम्मच सुबह-शाम खाली पेट पानी के साथ लेने से Diabetes में विशेष लाभ मिलता है।
करंजबीज पाउडर को आधा-आधा चम्मच की मात्रा में सुबह –शाम गुन-गुने पानी के साथ सेवन करने से Diabetes में लाभ मिलता है।
🕉🕉🕉🕉🕉🙏🙏🙏

Comments

Popular posts from this blog

कबीर

तेजपात के फायदे

B 12 जरूरी क्यों है