ग्रीष्म विशेष
श्री योग संजीवनी...
*🌻ग्रीष्म विशेष🌻*
*🌹गर्मीनाशक शरबतः🌹*
🌻🍀जीरा, सौंफ, धनिया, काली द्राक्ष अथवा किशमिश व मिश्री समभाग लेके कूटकर मिला रखें। एक चम्मच मिश्रण एक ग्लास ठंडे पानी में भिगो दें। 2 घंटे बाद हाथ से मसलकर, छानकर पीयें। पीते ही शीतलता, स्फूर्ति व ताजगी आयेगी।
*🌹गर्मी एवं पित्तजन्य तकलीफों में🌹*
🌻🍀रात को दूध में एक चम्मच त्रिफला घृत (त्रिफला घृत आयुर्वेदिक विश्वसनीय जगह से लेना चाहिए) मिलाकर पीयें। पित्तजन्य दाह, सिरदर्द, आँखों की जलन में आराम मिलेगा।
🌻🍀दोपहर को चार बजे एक चम्मच गुलकंद धीरे धीरे चूसकर खाने से भी लाभ होता है।
*🌹लू से बचने हेतुः🌹*
🌻🍀गुड़ (पुराना गुड़ मिले तो उत्तम) पानी में भिगोकर रखें। एक दो घंटे बाद छान कर पीयें। इससे लू से रक्षा होती है।
🌻🍀प्याज और पुदीना मिलाकर बनायी हुई चटनी भी लू से रक्षा करती है।
*🌹ग्रीष्म में शक्तिवर्धक🌹*
🌻🍀ठंडे पानी में जौ अथवा चने का सत्तू, मिश्री व घी मिलाकर पीयें। सम्पूर्ण ग्रीष्म में शक्ति बनी रहेगी।
*🌻ग्रीष्म विशेष🌻*
*🌹गर्मीनाशक शरबतः🌹*
🌻🍀जीरा, सौंफ, धनिया, काली द्राक्ष अथवा किशमिश व मिश्री समभाग लेके कूटकर मिला रखें। एक चम्मच मिश्रण एक ग्लास ठंडे पानी में भिगो दें। 2 घंटे बाद हाथ से मसलकर, छानकर पीयें। पीते ही शीतलता, स्फूर्ति व ताजगी आयेगी।
*🌹गर्मी एवं पित्तजन्य तकलीफों में🌹*
🌻🍀रात को दूध में एक चम्मच त्रिफला घृत (त्रिफला घृत आयुर्वेदिक विश्वसनीय जगह से लेना चाहिए) मिलाकर पीयें। पित्तजन्य दाह, सिरदर्द, आँखों की जलन में आराम मिलेगा।
🌻🍀दोपहर को चार बजे एक चम्मच गुलकंद धीरे धीरे चूसकर खाने से भी लाभ होता है।
*🌹लू से बचने हेतुः🌹*
🌻🍀गुड़ (पुराना गुड़ मिले तो उत्तम) पानी में भिगोकर रखें। एक दो घंटे बाद छान कर पीयें। इससे लू से रक्षा होती है।
🌻🍀प्याज और पुदीना मिलाकर बनायी हुई चटनी भी लू से रक्षा करती है।
*🌹ग्रीष्म में शक्तिवर्धक🌹*
🌻🍀ठंडे पानी में जौ अथवा चने का सत्तू, मिश्री व घी मिलाकर पीयें। सम्पूर्ण ग्रीष्म में शक्ति बनी रहेगी।
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धन्यवाद और आभार ईश्वर का🙏🙏